July 15, 2009
तैनाती के लिए तैयार
कभी न खत्म होने वाले इंतजार के बाद ड्राईडॉक, जहां भारत की पहली परमाणु पमडुब्बी निर्मित की जा रही है, के कपाट आखिरकार समुद्र के लिए खोल दिए जाएंगे। विशाखापत्तनम के नौसेना डॉकयार्ड में एडवांस्ड टेक्लोलॉजी वेस्सल(एटीवी) का उद्घाटन 26 जुलाई को किए जाने की संभावना है। विजय दिवस के रूप में मनाई जाने वाली यत तारीख कारगिल की चोटियों से पाकिस्तानी घुस्पैठियों को हटाए जाने की 10वीं वर्षगांठ है। 6000 टन की पनडुब्बी- जो अर्से से भारतीय प्रतिरक्षा का सबसे गोपनीय रहस्य थी- का उद्घाटन नौसेना और डीआरडाओ की उस संयुक्त परियोजना का हिस्सा, जिसके तहत पानी के भीतर से दुश्मन पर गुप्त परमाणु अस्त्र वार करने में क्षमता विकसित की जानी है। इस पनडुब्बी (रूस की चार्ली समूह का परिश्कृत डिजाइन, जिसे आइएनएस चक्र के तौर पर उपयोग किया) के प्रयोग के साथ ही भारत परमाणु पनडुब्बी का प्रयोग करने वाला दुनिया का छठा देश बन जाएगा। इसकी शुरुआत दो साल पहले उस प्रक्रिया का पहला कदम है जिसके तहत पनडुब्बियों के समुद्री परीक्षण के पहले इनके परमाणु रिएक्टरों और प्रणालियों का परीक्षण किया जाएगा। नौसेना डॉकयार्ड में स्थित ड्राईडॉक शिपबिल्दिंग सेंटर में दो और जलपोतों का निर्माण किया जा रहा है।
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