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Working with an MNC called Network 18, some call it news channel(IBN7), but i call it दफ्तर, journalist by heart and soul, and i question everything..

July 24, 2009

इसे कबूलने के लिए जिगर चाहिए

हरियाणा के जींद में हुआ वेदपाल का कत्ल। 14 पुलिसवालों की मौजूदगी में कल वेदपाल का कत्ल कर दिया गया था। उसके बाद पुलिस के आला अधिकारी मौके का मुआयना करने पहुंचे और जानते हैं उस वक्त उनके साथ कौन था। उनके साथ हर पल साए की तरह घूम रहा था एक शख्स। वो शख्स कोई और नहीं वेदपाल के कत्ल का आरोपी था। और उससे भी बड़ी बात ये कि उसे अबतक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
बात सिर्फ एक दिन पुरानी है। हरियाणा के जींद में कल इसी जगह पर एक पति को पीट पीट कर मार डाला गया था। उस शख्स का नाम था वेदपाल। वेदपाल का कसूर सिर्फ इतना था कि हाईकोर्ट के आदेश पर ,पुलिस पार्टी के साथ वो यहां अपनी पत्नी को साथ ले जाने आया था। लेकिन 14 पुलिसवाले भी उसकी हिफाजत न कर सके। मोहब्बत के दुश्मनों ने न सिर्फ एक लड़की को विधवा बना दिया बल्कि एक पुलिसवालों की मौजूदगी में एक पति का कत्ल भी कर डाला। हत्या का आरोप सोनिया के पिता पर है। बताते चले कि उसे अभी तक पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया गिरफ्तार करना तो दूर पुलिस उसको बचाने में जुटी है।

अब आप ही बताएं कि इसे पुलिस का नकारापन न कहें तो और क्या कहें। आखिर ये कैसी हरियाणा पुलिस हो जो पहले तो कत्ल के आरोपी को साथ लेकर घूमती है और फिर उसे गिरफ्तार तक नहीं करती। ये हालत तो तब है जब वेदपाल के कत्ल के मामले में एक एसएचओ को सस्पेंड कर एसपी को भी ट्रांसफर कर दिया गया है। लेकिन वेदपाल के कत्ल के आरोपी को अबतक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया ये समझ से परे है। जाहिर है ऐसे में सवाल उठने लाजिमी हैं। सवाल ये कि जब तस्वीरें साफ बयां कर रही हैं कि पुलिस आरोपी को साथ लेकर घूम रही है तो क्यों नहीं उसे अबतक गिरफ्तार किया गया। क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक दबाव है या फिर कोई और बात है।

हरियाणा सरकार को इस बात का जवाब देना ही होगा कि उसकी नकारा पुलिस क्यों नहीं वेदपाल के कत्ल के आरोपी को गिरफ्तार कर रही। आखिर इसके पीछे क्या वजह है। क्योंकि ऐसा आजतक नहीं हुआ कि पुलिस एक आरोपी को साथ लेकर घूमे और फिर भी उसे गिरफ्तार न करे।

पड़ोस के राज्य पंजाब की भी हालत कुछ खास नहीं हैं। हालत तो ये है कि एक ही उल्लू काफी है बरबाद-ए-गुलिस्तां करने को, यहां हर शाक पर उल्लू बैठे हैं अंजा-ए- गुलिस्ता क्या होगा। मोहब्बत के नर्क में एक गोली चली और एक मां कुर्बान हो गई। ये दास्तान है पंजाब के पटियाला की जहां गोली चली तो थी पति और पत्नी को मारने के लिए लेकिन एक मां उसके रास्ते में आ गई। नतीजा, अपने बेटे और बहू को बचाने के लिए वो मां कुर्बान हो गई। वो मां तो मर गई लेकिन एक सवाल छोड़ गई कि आखिर कब तक मोहब्बत के नर्क में चलती रहेंगी गोलियां।

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