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Varanasi, UP, India
Working with an MNC called Network 18, some call it news channel(IBN7), but i call it दफ्तर, journalist by heart and soul, and i question everything..

July 24, 2009

कांटों की तरह उगा हुआ सच

सवा अरब हिंदुस्तानियों के बीच में कांटों की तरह उगा हुआ सच

बिहार की वो खबर से जो मानवता के नाम पर कलंक है। यहां एक लड़की को सरेआम अधनंगा कर दिया गया। लोग देखते रहे। अभी तक इस मामले में कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्रवासन दिए जा रहे हैं। बिहार विधानसभा में आज जमकर बवाल हुआ। सिर्फ लोगों को सस्पेंड किया गया।

देश का ये शर्म पूरी दुनिया ने देखा। हिंदुस्तान की सड़क पर सैकड़ों हजारों लोगों के सामने एक महिला का चीर हरण हुआ। लोग नपुंसक बन गए।

ऐसी शर्मनाक घटना जिसकी कल्पना भी रूह कंपा दे। ऐसी घिनौनी हरकत जिस देखकर इंसान होने पर शर्म आए। ऐसी विकृत मानसिकता जिस पर उबकाई आए। लेकिन इस शर्म से सिर्फ पटना, बिहार ही नहीं पूरा देश रुबरु हुआ। भीड़ एक महिला का तमाशा बनाती रही। एक सनकी महिला के कपड़े खींचता रहा। तबतक जबतक वो अधनंगी नहीं हो गई। लेकिन तमाशा चलता रहा। चलता रहा। न पुलिस, न समाज के ठेकेदार, न आम लोग। किसी की आत्मा नहीं कलपी। इस महिला को बचाने के लिए कोई कृष्ण नहीं आया। और अब जबकि ये मामला पूरे देश के सामने आ गया है इस पर कार्रवाई शुरु हो चुकी है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट मांग ली है। राज्य महिला आयोग भी अब तेजी दिखाने लगी। जबकि इलाके के थाने के एक एएसआई को निलंबित किया जा चुका है। महिला के साथ बदसलूकी करने वाले लड़के को गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन इन लोगों का क्या होगा। जो इस पूरे मौके का फायदा उठा रहे थे। पुलिस ने भीड़ में मौजूद कई हैवानों को न तो अभी तक हिरासत में लिया है और नही गिरफ्तार किया है। लेकिन मुंख्यमंत्री नीतीश कुमार दावा कर रहे हैं कि कार्रवाई हो रही है।

तो क्या केवल पुलिस वालों को सस्पेंड कर देना ही कार्रवाई है। आखिर भीड़ में शामिल लोगों पर अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इतने देर तक ये तमाशा चलता रहा तो उसकी गाज सिर्फ एक पुलिस वाले पर क्यों गिरी। क्या कानून व्यस्था की जिम्मेदारी पूरे थाने पर नहीं है। बहरहाल अब विपक्ष में भी इस मुद्दे पर अपने हाथ आजमाने शुरु कर दिया है। विपक्षी नेताओं ने बिहार विधान सभा और विहार विधान परिषद के बाहर जमकर हंगामा किया। खास तौर से महिलाओं ने अपना जोरदार विरोध दर्ज करवाया।

इस शर्मनाक घटना ने बिहार में गुस्से की लहर दौड़ा दी है। आरजेडी के कार्यकर्ताओं ने भी अपना गुस्सा जाहिर किया। हैरानी की बात। सैकड़ों हजारों लोगों के सामने ये वाकया हुआ। लेकिन उस वक्त कोई नजर नहीं आया। सब तमाशबीन बने रहे। लेकिन अब इसपर राजनीति की रोटियां सेकने में मशगूल हैं। इन सब के बीच उस लड़की का हाल चाल जानने तक कोई नहीं पहुंचा। नहीं किसी घावों पर मरहम लगाने की कोशिश की। ये बिहार की ही नहीं देश के कई हिस्सों की सच्चाई है। बिहार में तो ये सच्चाई सिर्फ अधनंगी हुई। जिसे लोगों ने कुछ देर के मनोरंजन का साधन बना लिया।

अत्याचार का ये तमाशा रुका नहीं, गुरुवार को जो हुआ वो सबने देखा। पटना में आज फिर एक शर्मनाक घटना घटी। फर्क सिर्फ इतना था कि पिटने वाली बदल गई थी, अबकी बार बारी थी एक बुजुर्ग महिला की। पीटने वाले भी पुरुष नहीं बल्कि महिलाएं थीं। इस बार भी पुलिस की नाकामी साफ नजर आई। जब महिला की पिटाई हो रही थी तो उस वक्त मीडिया तो वहां थी लेकिन पुलिस नहीं थी।
पटना एक शर्म से उबरा भी नहीं था। कि उसे दूसरे शर्म ने घेर लिया। पहले सरेआम एक लड़की का चीरहरण कर पुरुषों ने इंसानियत को हरा कर जीत हासिल की। फिर भला महिलाएं भी क्यों पीछे रहे। देखिए किस उम्र की महिला पर सरेआम वो अपना हाथ आजमा रही है।

हैरत और शर्म से भरी हुई ये महिला पिटती जा रही है। लोगों ने इस परे आरोप लगाया है कि इसने मंदिर से चोरी की है।

ये महिला मंदिर के एक पास के एक मुहल्ले में रहने वाली है। हैरत की बात है महिला के पिटते वक्त मीडिया पहुंच गई लेकिन पुलिस वहां नहीं पहुंची। इस महिला की सरेआम बेइज्जती। पटना को शर्मसार करने वाली एक और घटना।

आखिर क्या कहेंगे इसे आप। अगर इस महिला ने चोरी की है तो उसे कानून के हवाले करना चाहिए। या फिर खुद अपने हाथों से ही उसे इंसाफ देने लग जाना चाहिए। जो नजर आ रहा है क्या वही है समाज। क्या यही है सभ्यता।

आप ही बताइये नीतीश जी। आप के सुशासन में ये क्या हो रहा है। मीडिया पहुंच जाती है लेकिन पुलिस वाले नहीं पहुंचते। आखिर क्यों। क्या आप के राज में महिलाओं के साथ ऐसा ही व्यवहार होता रहेगा।

मुख्यमंत्री से जब इस बारे में बात की की गई तो वो भी वही रटेरटाए बयान दे पल्ला झाड़ लिया। नीतीश कुमार का कहना था कि दोषियों को बक्शा नहीं जाएगा, स्पीडी ट्रायल के माध्यम से जल्द से जल्द कारवायी होगी।

लेकिन असलियत तो ये है कि लोगों को पुलिस और कानून पर कोई भरोसा ही नहीं रह गया है। इसलिए उन्हें कानून अपने हाथ में लेने में मजा आने लगा है। इसलिए पहले जरुरत है कि पहले पुलिस और कानून में लोगों का भरोसा बढ़ाना होगा। लोगों में पुलिस और कानून का डर जताना होगा। तब कहीं जाकर ऐसी घटनाएं रुकेंगी। नहीं तो ये होता रहेगा। और बयानों का दौर चलता रहेगा। स्पीडी ट्रायल के माध्यम से कुछ चंद लोगो को सजा दिलाकर बिहार के मुख्यमंत्री भले ही अपना पीठ खुब थप-थपाये मगर हकिकत तो यह है कि जंगल राज में सभी राजा बन बैठे हैं। लगता है फिल्म गंगाजल का असर लोगों पर ज्यादा हो रहा है। पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहे और लोग ही न्याय करते रहे।

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