November 26, 2008
I walk a lonely road
I walk a lonely road
The only one I that have ever known
Don't know were it goes
But its home to me and I walk alone
I walk this empty street
On the Boulevard of broken dreams
Where the city sleeps
And I'm the only one and I walk alone
I walk alone
I walk alone
I walk alone
I walk a...
My shadows the only one that walks beside me
My shallow hearts the only thing that's beating
Sometimes I wish someone out there will find me
Till then I walk alone
Ah-Ah Ah-Ah Ah-Ah Ahhh
Ah Ah-Ah Ah-Ah Ah-Ah
I'm walking down the line
That divides me somewhere in my mind
On the border line of the edge
And were I walk alone
Read between the lines of what's
Fucked up and every things all right
Check my vital signs to know I'm still alive
And I walk alone
I walk alone
I walk alone
I walk alone
I walk a...
My shadows the only one that walks beside me
My shallow hearts the only thing that's beating
Sometimes I wish someone out there will find me
Till then I walk alone
Ah-Ah Ah-Ah Ah-Ah Ahhh
Ah Ah-Ah Ah-Ah
I walk alone
I walk a...
I walk this empty street
On the Boulevard of broken dreams
Were the city sleeps
And I'm the only one and I walk a..
My shadows the only one that walks beside me
My shallow hearts the only thing that's beating
Sometimes I wish someone out there will find me
Till then I'll walk alone!
I just want you to know who I am
And I'd give up forever to touch you
'Cause I know that you feel me somehow
You're the closest to heaven that I'll ever be
And I don't want to go home right now
And all I can taste is this moment
And all I can breathe is your life
'Cause sooner or later it's over
I just don't want to miss you tonight
And I don't want the world to see me
'Cause I don't think that they'd understand When everything's made to be broken I just want you to know who I am
And you can't fight the tears that ain't coming
Or the moment of truth in your lies
When everything feels like the movies
Yeah you bleed just to know you're alive
And I don't want the world to see मे
'Cause I don't think that they'd understand
When everything's made to be broken
I just want you to know who I am
And I don't want the world to see me
'Cause I don't think that they'd understand
When everything's made to be broken
I just want you to know who I am
And I don't want the world to see me
'Cause I don't think that they'd understand
When everything's made to be broken
I just want you to know who I am
I just want you to know who I am
I just want you to know who I am
I just want you to know who I am
'Cause I know that you feel me somehow
You're the closest to heaven that I'll ever be
And I don't want to go home right now
And all I can taste is this moment
And all I can breathe is your life
'Cause sooner or later it's over
I just don't want to miss you tonight
And I don't want the world to see me
'Cause I don't think that they'd understand When everything's made to be broken I just want you to know who I am
And you can't fight the tears that ain't coming
Or the moment of truth in your lies
When everything feels like the movies
Yeah you bleed just to know you're alive
And I don't want the world to see मे
'Cause I don't think that they'd understand
When everything's made to be broken
I just want you to know who I am
And I don't want the world to see me
'Cause I don't think that they'd understand
When everything's made to be broken
I just want you to know who I am
And I don't want the world to see me
'Cause I don't think that they'd understand
When everything's made to be broken
I just want you to know who I am
I just want you to know who I am
I just want you to know who I am
I just want you to know who I am
October 24, 2008
कुछ अनकही सी
मालेगांव
सबसे पहले मैं इस बात पर दुविधा में रहा कि इस लेख का क्या शीर्षक लिखूं। कभी सोचता कि इसे हिंदू अतिवाद कहूं या फिर आतंकवाद। इस बार तो कई कट्टर हिंदूवादी भी सोच में पड़ गए होंगे कि अब इसका क्या जवाब होगा। मालेगांव ब्लास्ट में जब से एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में छपा कि इसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और हिंदू जागरण मंच का नाम आया तो जैसे मेरे जैसे कई हिंदूवादीयों का तो खून ही सूख गया। आखिर यह क्या हुआ? ऐसा कैसे हो गया। सहिष्णु हिंदू आखिर कैसे इतना असहिष्णु हो सकता है। बात हो रही थी सभी चैनलों पर इस बारे में कि यह जरूर राजनीतिक लाभ लेने के लिए यह महाराष्ट्र सरकार का एक दांव है। शायद यह राज ठाकरे से ध्यान हटाने से कांग्रेस का एकत दांव मात्र हो। लेकिन यह भी विचार करने योग्य है कि क्या अब यह भी संभव हो गया है जब अपने लोक कल्याण का ढोंग पीटने वाले भगवा ब्रिगेड और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपने आपको इस ओर भी मोड़ रहे हैं। पहले कहीं भी अगर कोई ब्लास्ट की खबर आती थी तो सारे समाचार चैनल और इंटेलिजेंस विभाग इस बारे में तफ्तीश करने में जुट जाते थे कि कहीं इसमें कहीं सिमि या फिर इंडियन मुजाहिदीन का हाथ तो नहीं। पर अब शायद ऐसा ना हो। अब हो सकता है कि इस फेहरिस्त में एक और नाम जुड़ गया। आतंक का एक और घिनौना नाम।
जब इस तरह के हमले देश पर सन 90 में शुरू हुए तो सारे लोग इसे इस्लामिक अतिवाद कहते थे। धीरे धीरे इसे इस्लामिक आतंकवाद का नाम दिया जाने लगा। पहले तो हम अपने देश के बाहर के बिच्छुओं का दंश झेल रहे थे। लेकिन धीरे धीरे जब अपने ही आस्तीन के सांप हमें काटने लगे तो फिर इस समस्या का निपटारा कैसे हो। क्या इससे निपटने के लिए हमे नंगा होना पड़ेगा। क्या यही हिंदुस्तान है जहां हजारों सालों से हिंदुत्व और सभ्यता का बोलबाला रहा। जहां के लोग हमेसा लोगों का पेट भरने में विश्वास रखते आए हैं। यहां मैं हिंदुत्व शब्द का इस्तमाल इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मैं इसे धर्म मानता ही नहीं। शायद कुछ लोग इसे मेरी नादानी कहें या फिर बचपना या फिर बड़बोलापन। पर मैं आज यह साबित करने नहीं जा रहा कि ऐसा मैनें क्यों लिखा है। पर एक बात जरूर कहता हूं कि हिंदू कोई धर्म नहीं एक सभ्यता है जिसे यह नाम भी हमारे किसी भाई बंधु ने ही दी है। यह नाम भी हमें वसुधेव कुटुंबकम् को जरूर याद दिलाता है।
कुछ दिन पहले जब देश सिलसिलेवार बम धमाकों को झेल रहा था तो मेरे एक मित्र का स्क्रैप ऑर्कुट पर आया था कि आखिर यह सब कब तक चलता रहेगा। कब तक हम यह सब सहते रहेंगे। तो मैने जवाब में लिखा था कि जब तक हमारा धैर्य जवाब नहीं देता। मैंने यह सपने में भी नहीं सोचा था कि हमारा धैर्य इतनी जल्दी जवाब दे देगा। यहां तो मैं यही कहूंगा कि आखिर जो बिच्छू हमारे देश को डस रहे थे और कुछ आस्तीन के सांप जो हमारी मोटी चमड़ी पर बार बार हमले कर रहे थे। और जो हमने अपनी सभ्यता का बुलेटप्रूफ पहन रखा था, वो अब ना जोने कहां गुम हो गया है। यदि ऐसे ही चलता रहा तो कहीं यह सभ्यता ही ना दम तोड़ दे। क्या हम भी पशु हो गए हैं? क्या हमारी भी अंतरात्मा इसकी गवाही देगी कि हम हमारे ही भाइयों का कत्ल करें? यह तो शायद कोई धुर हिंदूवादी भी सोचता होगा। फिर कैसे यह सवाल हमारे उपर आ खड़ा हुआ? और फिर सवालों के घेरे में गए।
सबसे पहले मैं इस बात पर दुविधा में रहा कि इस लेख का क्या शीर्षक लिखूं। कभी सोचता कि इसे हिंदू अतिवाद कहूं या फिर आतंकवाद। इस बार तो कई कट्टर हिंदूवादी भी सोच में पड़ गए होंगे कि अब इसका क्या जवाब होगा। मालेगांव ब्लास्ट में जब से एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में छपा कि इसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और हिंदू जागरण मंच का नाम आया तो जैसे मेरे जैसे कई हिंदूवादीयों का तो खून ही सूख गया। आखिर यह क्या हुआ? ऐसा कैसे हो गया। सहिष्णु हिंदू आखिर कैसे इतना असहिष्णु हो सकता है। बात हो रही थी सभी चैनलों पर इस बारे में कि यह जरूर राजनीतिक लाभ लेने के लिए यह महाराष्ट्र सरकार का एक दांव है। शायद यह राज ठाकरे से ध्यान हटाने से कांग्रेस का एकत दांव मात्र हो। लेकिन यह भी विचार करने योग्य है कि क्या अब यह भी संभव हो गया है जब अपने लोक कल्याण का ढोंग पीटने वाले भगवा ब्रिगेड और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपने आपको इस ओर भी मोड़ रहे हैं। पहले कहीं भी अगर कोई ब्लास्ट की खबर आती थी तो सारे समाचार चैनल और इंटेलिजेंस विभाग इस बारे में तफ्तीश करने में जुट जाते थे कि कहीं इसमें कहीं सिमि या फिर इंडियन मुजाहिदीन का हाथ तो नहीं। पर अब शायद ऐसा ना हो। अब हो सकता है कि इस फेहरिस्त में एक और नाम जुड़ गया। आतंक का एक और घिनौना नाम।
जब इस तरह के हमले देश पर सन 90 में शुरू हुए तो सारे लोग इसे इस्लामिक अतिवाद कहते थे। धीरे धीरे इसे इस्लामिक आतंकवाद का नाम दिया जाने लगा। पहले तो हम अपने देश के बाहर के बिच्छुओं का दंश झेल रहे थे। लेकिन धीरे धीरे जब अपने ही आस्तीन के सांप हमें काटने लगे तो फिर इस समस्या का निपटारा कैसे हो। क्या इससे निपटने के लिए हमे नंगा होना पड़ेगा। क्या यही हिंदुस्तान है जहां हजारों सालों से हिंदुत्व और सभ्यता का बोलबाला रहा। जहां के लोग हमेसा लोगों का पेट भरने में विश्वास रखते आए हैं। यहां मैं हिंदुत्व शब्द का इस्तमाल इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मैं इसे धर्म मानता ही नहीं। शायद कुछ लोग इसे मेरी नादानी कहें या फिर बचपना या फिर बड़बोलापन। पर मैं आज यह साबित करने नहीं जा रहा कि ऐसा मैनें क्यों लिखा है। पर एक बात जरूर कहता हूं कि हिंदू कोई धर्म नहीं एक सभ्यता है जिसे यह नाम भी हमारे किसी भाई बंधु ने ही दी है। यह नाम भी हमें वसुधेव कुटुंबकम् को जरूर याद दिलाता है।
कुछ दिन पहले जब देश सिलसिलेवार बम धमाकों को झेल रहा था तो मेरे एक मित्र का स्क्रैप ऑर्कुट पर आया था कि आखिर यह सब कब तक चलता रहेगा। कब तक हम यह सब सहते रहेंगे। तो मैने जवाब में लिखा था कि जब तक हमारा धैर्य जवाब नहीं देता। मैंने यह सपने में भी नहीं सोचा था कि हमारा धैर्य इतनी जल्दी जवाब दे देगा। यहां तो मैं यही कहूंगा कि आखिर जो बिच्छू हमारे देश को डस रहे थे और कुछ आस्तीन के सांप जो हमारी मोटी चमड़ी पर बार बार हमले कर रहे थे। और जो हमने अपनी सभ्यता का बुलेटप्रूफ पहन रखा था, वो अब ना जोने कहां गुम हो गया है। यदि ऐसे ही चलता रहा तो कहीं यह सभ्यता ही ना दम तोड़ दे। क्या हम भी पशु हो गए हैं? क्या हमारी भी अंतरात्मा इसकी गवाही देगी कि हम हमारे ही भाइयों का कत्ल करें? यह तो शायद कोई धुर हिंदूवादी भी सोचता होगा। फिर कैसे यह सवाल हमारे उपर आ खड़ा हुआ? और फिर सवालों के घेरे में गए।
July 25, 2008
वो बूढ़ी सी अम्मा
वो बूढ़ी सी अम्मा
गोरी से पीली
पीली से काली हो गई हैं अम्मा
इक दिन मैंने देखा
सचमुच बूढ़ी हो गई है अम्मा।
कुछ बादल बेटे ने लूटे
कुछ हरियाली बेटी ने
एक नदी थी
कहां खो गई रेती हो गई हैं अम्मा
देख लिया है सोना चांदी
जब से उसके बक्से में
तब से बेटों की नजरों
अच्छी हो गई हैं अम्मा।
कल तक अम्मा अम्मा कहते
फिरते थे जिसके पीछे
आज उन्हीं बच्चों के आगे
बच्ची हो गई है अम्मा।
घर के हर इक फर्द की आँखों में
दौलत का चश्मा हैं
सबको दिखता वक्त कीमती
सस्ती हो गई अम्मा।
बोझ समझते थे सब
भारी लगती थी लेकिन जब से
अपने सर का साया समझा
हल्की हो गई अम्मा।---------------
गोरी से पीली
पीली से काली हो गई हैं अम्मा
इक दिन मैंने देखा
सचमुच बूढ़ी हो गई है अम्मा।
कुछ बादल बेटे ने लूटे
कुछ हरियाली बेटी ने
एक नदी थी
कहां खो गई रेती हो गई हैं अम्मा
देख लिया है सोना चांदी
जब से उसके बक्से में
तब से बेटों की नजरों
अच्छी हो गई हैं अम्मा।
कल तक अम्मा अम्मा कहते
फिरते थे जिसके पीछे
आज उन्हीं बच्चों के आगे
बच्ची हो गई है अम्मा।
घर के हर इक फर्द की आँखों में
दौलत का चश्मा हैं
सबको दिखता वक्त कीमती
सस्ती हो गई अम्मा।
बोझ समझते थे सब
भारी लगती थी लेकिन जब से
अपने सर का साया समझा
हल्की हो गई अम्मा।---------------
April 03, 2008
ASEAN and INDIA
ASEAN:
On August 8, 1967 five countries met at Bangkok and established the regional cooperation group –ASEAN. The founder members were- Indonesia, Malaysia, Singapore, Thailand and the Philippines. It has its HQ at Jakarta (Indonesia).
At present the ASEAN is a grouping of 10 South East Asian countries: Brunei, Indonesia, Laos, Malaysia, Myanmar, Philippines, Singapore, Thailand, Vietnam and Cambodia.
ARF:
ASEAN Regional Forum (ARF) was created in 1994. It was established with a purpose to involve major world powers in a dialogue with the region.
Presently ARF comprises of 23 members including 10 ASEAN members, prominent among them are US, Russia, China, and India. However Pakistan is not a member of ARF so far.
ASEAN - India Summit:
The first ASEAN – India summit was held on 5 November, 2002. The summit mainly hovered around the issues:
a) a convergence of ideas on terrorism
b) search for new areas of economic cooperation
They recognized the pluralistic nature of their societies, encompassing major religions of the world, and a wealth of diverse cultures. They agreed that this affinity constituted a special asset for the further development of their relations.
Given new developments and challenges arising in the 21st Century, the Leaders of ASEAN and India resolved to further advance their cooperation to a new height to address common challenges confronting the region and the world.
ASEAN and India committed themselves to jointly contribute to the promotion of peace, stability and development in the Asia-Pacific region and the world, and respond positively to the challenges of a dynamic regional and international environment.
Chairman's Statement of the 6th ASEAN-India Summit, Singapore, 21 November 2007
· The 6th ASEAN-India Summit was held on 21 November 2007 in Singapore and was chaired by H.E. Lee Hsien Loong, Prime Minister of the Republic of Singapore. The Summit was attended by the Heads of State/Government of ASEAN Member Countries and H.E. Dr. Manmohan Singh, Prime Minister of the Republic of India.
· India's engagement with ASEAN was a pillar of India's "Look East" policy. Also highlighted the ASEAN-India dialogue partnership as a key building block for a robust architecture for regional cooperation.
· India continued to support for ASEAN's efforts to build an ASEAN Community by 2015 to narrow the development gap within ASEAN through its various contributions, including the Initiative for ASEAN Integration and other sub-regional growth initiatives such as the Mekong-Ganga Cooperation Initiative.
· The Progress Report of Implementation of the Plan of Action (POA) to implement the ASEAN-India Partnership for Peace, Progress and Shared Prosperity, and tasked our Ministers and officials to accelerate the implementation of the POA through concrete projects and practical cooperation.
· The establishment of an ASEAN-India Free Trade Area (AIFTA) would anchor the strategic engagement between both sides and sustain the momentum of the relationship. We agreed that the AIFTA, when realized, would act as an important building block for a regional FTA in Asia.
· Prime Minister Man Mohan Singh proposed for dialogue on an Open Skies Agreement at the 5th ASEAN-India Summit in Cebu in January 2007 that would fully liberalize air services between ASEAN and India and foster greater interaction and movement between the peoples of Southeast Asia and India.
· Further integration of shipping, road and rail links between Southeast Asia and India to create an "Arc of Advantage" for our region.
· There were more than 2 million tourists from India visiting ASEAN this year and 280,000 ASEAN tourists to India.
· Deep concern over the impact of climate change on socio-economic development and the environment, particularly in developing countries.
· India's proposal to establish an ASEAN-India Network on Climate Change that would pool and share expertise and exchange best practices. In this regard, we welcomed India's offer to set up an "ASEAN-India Green Fund" with an initial contribution from India of US$ 5 million, and looked forward to its early operationalisation.
· ASEAN and India shared common interests in managing trans-boundary issues such as maritime security, counter-terrorism and disaster relief.
· India's proposed to further extend cooperation in the field of healthcare, including: (i) making basic drugs available at low cost to public health systems; and (ii) developing a framework of cooperation in traditional medicine.
· Emphasis on human resource development as another important area of cooperation to help narrow the development gap.
· We noted India's proposal to establish a special program for regular exchanges among our parliamentarians and tasked our officials to follow up on the idea.
MAYANK PRATAP SINGH
On August 8, 1967 five countries met at Bangkok and established the regional cooperation group –ASEAN. The founder members were- Indonesia, Malaysia, Singapore, Thailand and the Philippines. It has its HQ at Jakarta (Indonesia).
At present the ASEAN is a grouping of 10 South East Asian countries: Brunei, Indonesia, Laos, Malaysia, Myanmar, Philippines, Singapore, Thailand, Vietnam and Cambodia.
ARF:
ASEAN Regional Forum (ARF) was created in 1994. It was established with a purpose to involve major world powers in a dialogue with the region.
Presently ARF comprises of 23 members including 10 ASEAN members, prominent among them are US, Russia, China, and India. However Pakistan is not a member of ARF so far.
ASEAN - India Summit:
The first ASEAN – India summit was held on 5 November, 2002. The summit mainly hovered around the issues:
a) a convergence of ideas on terrorism
b) search for new areas of economic cooperation
They recognized the pluralistic nature of their societies, encompassing major religions of the world, and a wealth of diverse cultures. They agreed that this affinity constituted a special asset for the further development of their relations.
Given new developments and challenges arising in the 21st Century, the Leaders of ASEAN and India resolved to further advance their cooperation to a new height to address common challenges confronting the region and the world.
ASEAN and India committed themselves to jointly contribute to the promotion of peace, stability and development in the Asia-Pacific region and the world, and respond positively to the challenges of a dynamic regional and international environment.
Chairman's Statement of the 6th ASEAN-India Summit, Singapore, 21 November 2007
· The 6th ASEAN-India Summit was held on 21 November 2007 in Singapore and was chaired by H.E. Lee Hsien Loong, Prime Minister of the Republic of Singapore. The Summit was attended by the Heads of State/Government of ASEAN Member Countries and H.E. Dr. Manmohan Singh, Prime Minister of the Republic of India.
· India's engagement with ASEAN was a pillar of India's "Look East" policy. Also highlighted the ASEAN-India dialogue partnership as a key building block for a robust architecture for regional cooperation.
· India continued to support for ASEAN's efforts to build an ASEAN Community by 2015 to narrow the development gap within ASEAN through its various contributions, including the Initiative for ASEAN Integration and other sub-regional growth initiatives such as the Mekong-Ganga Cooperation Initiative.
· The Progress Report of Implementation of the Plan of Action (POA) to implement the ASEAN-India Partnership for Peace, Progress and Shared Prosperity, and tasked our Ministers and officials to accelerate the implementation of the POA through concrete projects and practical cooperation.
· The establishment of an ASEAN-India Free Trade Area (AIFTA) would anchor the strategic engagement between both sides and sustain the momentum of the relationship. We agreed that the AIFTA, when realized, would act as an important building block for a regional FTA in Asia.
· Prime Minister Man Mohan Singh proposed for dialogue on an Open Skies Agreement at the 5th ASEAN-India Summit in Cebu in January 2007 that would fully liberalize air services between ASEAN and India and foster greater interaction and movement between the peoples of Southeast Asia and India.
· Further integration of shipping, road and rail links between Southeast Asia and India to create an "Arc of Advantage" for our region.
· There were more than 2 million tourists from India visiting ASEAN this year and 280,000 ASEAN tourists to India.
· Deep concern over the impact of climate change on socio-economic development and the environment, particularly in developing countries.
· India's proposal to establish an ASEAN-India Network on Climate Change that would pool and share expertise and exchange best practices. In this regard, we welcomed India's offer to set up an "ASEAN-India Green Fund" with an initial contribution from India of US$ 5 million, and looked forward to its early operationalisation.
· ASEAN and India shared common interests in managing trans-boundary issues such as maritime security, counter-terrorism and disaster relief.
· India's proposed to further extend cooperation in the field of healthcare, including: (i) making basic drugs available at low cost to public health systems; and (ii) developing a framework of cooperation in traditional medicine.
· Emphasis on human resource development as another important area of cooperation to help narrow the development gap.
· We noted India's proposal to establish a special program for regular exchanges among our parliamentarians and tasked our officials to follow up on the idea.
MAYANK PRATAP SINGH
March 31, 2008
Nobody knows
Nobody knows its Empty
This smile which I wear,
The real I is left in the past
Bcoz U have left me there.
Nobody knows I m crying
They won't even see my tears,
When they think that I m laughing
I still wish U were there.
Nobody knows it's painful
They think I m strong,
They say that this won't kill me
But I wonder if they were wrong.
Nobody knows I m praying
That u will change my mind,
They think that I had let U go
When u left me behind.
Nobody knows I miss U
They think I feel set free,
But I feel like I m bound with chains
Trapped in the mystery.
Nobody knows I need U
They say I can do it on my own,
But they don’t know I m crying
When I m all alone.
This smile which I wear,
The real I is left in the past
Bcoz U have left me there.
Nobody knows I m crying
They won't even see my tears,
When they think that I m laughing
I still wish U were there.
Nobody knows it's painful
They think I m strong,
They say that this won't kill me
But I wonder if they were wrong.
Nobody knows I m praying
That u will change my mind,
They think that I had let U go
When u left me behind.
Nobody knows I miss U
They think I feel set free,
But I feel like I m bound with chains
Trapped in the mystery.
Nobody knows I need U
They say I can do it on my own,
But they don’t know I m crying
When I m all alone.
March 06, 2008
"I love you"।
your voice,
that I can listen to so clearly,
the sweet smell of your body,
yes I can smell it so near,
Am I dreaming or is this reality,
The fragrance of my first love is coming again।
The twinkle in her eyes
say's she love's me.
But her lips never reveal this
The carving of her lips
say's she want me
but her hands never touch me.
The look in her eyes
say they care for me
The blood red eyes
say's I excite her
when will she go insane over me and
say that three twinkling words
"I love you"।
that I can listen to so clearly,
the sweet smell of your body,
yes I can smell it so near,
Am I dreaming or is this reality,
The fragrance of my first love is coming again।
The twinkle in her eyes
say's she love's me.
But her lips never reveal this
The carving of her lips
say's she want me
but her hands never touch me.
The look in her eyes
say they care for me
The blood red eyes
say's I excite her
when will she go insane over me and
say that three twinkling words
"I love you"।
January 03, 2008
उनका एहसास
अस्सी के घाट पे
गंगा के किनारे
बैठे थे हम उन यारो के संग
वो साथ नही
पर
उनका एहसास है
दिखता है पानी का चक्कर
गिरते धारे बनते भंवर
उन भंवरों मे समाहित होती
लाखों जिंदगियां
उन जिंदगियों को पलती गंगा
मछलियां कछुवे कीड़े मकौड़े
सबकी पनाहगाह बनती ये
फिर भी अकेले हू यहां
वो साथ नही
पर
उनका एहसास है
गंगा के किनारे
बैठे थे हम उन यारो के संग
वो साथ नही
पर
उनका एहसास है
दिखता है पानी का चक्कर
गिरते धारे बनते भंवर
उन भंवरों मे समाहित होती
लाखों जिंदगियां
उन जिंदगियों को पलती गंगा
मछलियां कछुवे कीड़े मकौड़े
सबकी पनाहगाह बनती ये
फिर भी अकेले हू यहां
वो साथ नही
पर
उनका एहसास है
vasant
रीते मन के
कोने मे
अनायास
अचानक
किसी
क्छण
एक किरण
कौंधी
और फिर
कुंठित मन ने
दूर
बहुत पीछे मुखर
अतीत मे
निहारा
क्या सचमुच
कभी वसंत आया था तुम्हारे जीवन मे ?
कोने मे
अनायास
अचानक
किसी
क्छण
एक किरण
कौंधी
और फिर
कुंठित मन ने
दूर
बहुत पीछे मुखर
अतीत मे
निहारा
क्या सचमुच
कभी वसंत आया था तुम्हारे जीवन मे ?
TO LOVE O BE................
To Love To be Loved
To never foret your own insignificance
To never get used to the unspeakable violence and vulgar desparity of life around you
to seek joy in the saddest places
To pursue beauty to its liar
To never simplify what is complicated and complicate what is simple
To respect strength never power
Above all, to watch
To try and understand
To never look away
To concentrate
And never, never to forget
To never foret your own insignificance
To never get used to the unspeakable violence and vulgar desparity of life around you
to seek joy in the saddest places
To pursue beauty to its liar
To never simplify what is complicated and complicate what is simple
To respect strength never power
Above all, to watch
To try and understand
To never look away
To concentrate
And never, never to forget
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