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Varanasi, UP, India
Working with an MNC called Network 18, some call it news channel(IBN7), but i call it दफ्तर, journalist by heart and soul, and i question everything..

July 14, 2009

सेना ने फिर बढ़ाया देश का मान

फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस की परेड में भारतीय सेना का प्रदर्शन देखने लायक था। पूरी परेड का नेतृत्व करते हुए भारतीय सेना ने सभी का मन मोह लिया। अपनी चटक चाल और सधे कदमताल से प्रधानमंत्री का सीना दूर देश भी चौड़ा था। इस गर्व के मौके पर भारतीय थल सेना सबसे आगे थी। उसके पीछे नौसेना के जवान और फिर वायुसेना का कौशल काबिले तारीफ था। पात प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दो देशों की पांच दिवसीय यात्रा पर पेरिस में हैं। यहां वो राष्ट्रीय दिवस समारोहों के मुख्य अतिथि भी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये भारत के लोगों का सम्मान है। अपनी इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री फ़्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सार्कोजी से मुलाक़ात करेंगे। पेरिस में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। गौरतलब है कि भारतीय सेना के कुछ जवान भी फ्रांस की राष्ठ्रीय दिवस परेड में हिस्सा लेने हफ्ते भर पहले ही पेरिस में हैं। इस दौरे के दौरान फ्रांस के साथ व्यापार, निवेश, उच्च स्तरीय प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष,परमाणु ऊर्जा, रक्षा, शिक्षा, संस्कृति और वैज्ञानिक शोध के क्षेत्र में संबंधों को और मजबूत करना पर जोर रहेगा।

पड़ोसी की फिर सपोलों को छोड़ने की तैयारी

पड़ोसी देश पाकिस्तान में मुंबई हमले हमले के गुनहगार और आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद को राहत देने की कोशिश जारी है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने हाफिज के खिलाफ चल रहे केस को पाक सुप्रीम कोर्ट से वापस लेने की अर्जी दी है। पंजाब प्रांत की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि, निचली अदालत के फैसले को चैलेंज करने वाली याचिका को रद्द कर दिया जाए। हालांकि इसके बाद पंजाब प्रांत ने इशारा किया है कि चूंकि उनके हाफिज के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं, इसलिए इस मामले को लंबा खींचने का कोई मतलब नहीं है। खबर ये भी है कि पाकिस्तान के एटॉर्नी जनरल पंजाब प्रांत को समझाने की कोशिश करेंगे कि वो केस वापस लेने की अर्जी न दें। आतंकी हाफिज सईद मुंबई हमले के सिलसिले में पाकिस्तान में नजरबंद है। एक तरफ मुबई हमले के मद्देनजर पाकिस्तान भारत को पूरा समर्थन देने की बात करता है वहीं दूसरी तरफ वो इस तरह के कारनामे कर अपने आतंकी साथियों को पनाह देने से भू गुरेज नहीं करता। पिछले दिनों पारिस्तानी सेना के एक बड़े अफसर के बयान पर अभी बवाल थमा नहीं है कि सरकार ने भी अपने मंसूबे साफ कर दिए हैं। पता हो कि इस अफसर ने माना था कि सेना और आईएसआई का संबंध आलकायदा जैसे संगठनों से लगातार बना हुआ है।

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