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Varanasi, UP, India
Working with an MNC called Network 18, some call it news channel(IBN7), but i call it दफ्तर, journalist by heart and soul, and i question everything..

December 03, 2010

अंबेडकर के नाम पर पार्क-नीति



नोएडा के आंबेडकर पार्क मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगा। पार्क में किसी भी तरह के निर्माण पर कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा रखी है। 685 करोड़ की लागत से बन रहा ये पार्क मायावती के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में शुमार है ... इस पार्क का लगभग 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। स्थानीय लोगों ने पर्यावरण का हवाला देते हुए इस पार्क के निर्माण के खिलाफ याचिका दायर की थी। यूपी का चर्चित नोएडा पार्क, मुख्यमंत्री मायावती का महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट, जिस पर फूंक दिए गए जनता के 685 करोड़ रुपए जिसे बनाने के लिए काट डाले गए 6 हजार पेड़, जो है बर्ड सैंक्चुअरी यानि पक्षी अभ्यारण्य के बेहद करीब। लेकिन यूपी सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य पर सुप्रीम कोर्ट ने करीबन साल भर पहले रोक लगा दी। रोक लगाने की अहम वजहें थीं
- पार्क में जरूरत से ज्यादा पक्का निर्माण
- हजारों पेड़ों को काटना
- पक्षी अभ्यारण्य से सटा हुआ होना
- केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से इस पार्क को बनवाने के लिए ज़रूरी इजाज़त ना लेना

यूपी सरकार के नोएडा से पहले लखनऊ के अंबेडकर पार्क के निर्माण पर भी सुप्रीम कोर्ट रोक लगा चुकी है। अदालत को ये बात रास नहीं आई कि आम आदमी के पैसों से यूपी सरकार इन पार्कों में मायावती और बीएसपी संस्थापक कांशीराम की मूर्तियां लगा कर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरा करने में जुटी है। अदालत की फटकार ने सरकार के इस मंसूबे पर साल भर तक लगाम लगाए रखी ... हालांकि 23 अक्टूबर 2009 को केंद्र के पर्यावरण और वन मंत्रालय ने इस पार्क को हरी झंडी दे दी थी ... पर्यावरण मंत्रालय के उस वक्त दिए गए हलफनामे के मुताबिक
- नोएडा पार्क बनाने के लिए यूपी सरकार को केंद्र से किसी भी तरह की इजाज़त लेने की ज़रूरत नहीं
- क्योंकि नोएडा पार्क का क्षेत्रफल 50 हेक्टेयर से कम है
- लेकिन नोएडा पार्क के ओखला पक्षी विहार के नजदीक होने पर हलफनामे में खामोशी थी
नोएडा पार्क प्रोजेक्ट मामले में हर किसी की नजर अदालत पर टिकी होगी, सवाल ये है कि क्या यूपी सरकार के इस बड़े प्रोजेक्ट पर अदालत का डंडा चलेगा या फिर हाल के दिनों में यूपी सरकार के रुख में आई नरमी का उसे फायदा होगा।
अदालत में यूपी सरकार ने पहले ये दलील दी थी कि पार्क से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं हुआ है और ना ही होगा। लेकिन बाद में यूपी सरकार के रुख में नरमी आई। उसने कहा कि वो
- नोएडा पार्क में कंक्रीट के हिस्से को कम करेगी
- और इस बात का ख्याल रखेगी कि इलाके में पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान ना हो
तो क्या अदालत से यूपी सरकार को उसके इस रुख का फायदा मिलेगा ... या फिर सुप्रीम कोर्ट सियासत चमकाने के लिए लोगों के पैसे की फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने वाला फैसला सुनाएगा

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