aaj ये क्यों सोचता हूँ
आज क्यों ये तमन्ना करता हूँ
कि कोई फिर
मेरे पास आएगा
कुछ कहेगा
पर जानता हू सभी अपनी ही जिंदगी में व्यस्त हैं
वो आज फिर ना आई
आज फिर मन उदास था
उसके बिना आज फिर सब सूना था
सभी हस्ते थे मैं भी हसता हूँ
अपने आंसू छूपता हूँ
सबके सामने ना आने पाए पर मुश्किल है उसके बिना
वो आज फिर नही थी
December 08, 2007
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