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Varanasi, UP, India
Working with an MNC called Network 18, some call it news channel(IBN7), but i call it दफ्तर, journalist by heart and soul, and i question everything..

June 10, 2009

आइफा : लोग जुड़ते रहे कारवां बनता गया


बस चंद घंटो की बात है। चंद घंटों में एक खूबसूरत जमीन पर शिरकत करेंगे भारतीय सितारे। दस साल पहले शुरु हुए एक सफर का एक और नया आगाज। भारतीय सिनेमा की दुनिया के मंच पर एक नई दस्तक। चंद घंटों में सितारों के स्वागत में बांहें फैलाएगा रेड कारपेट। दुनिया की तमाम खूबसूरत जगहों में से एक चीन के मकाउ में हस्तियों की होगी शिरकत..सितारों का लगेगा जमावड़ा...और नई सदी में बॉलीवुड की नई रचनात्मकता का होगा नायाब अंदाज।
महज चंद घंटों के बाद पूरी दुनिया जानेगी कि कौन है पिछले 10 सालों में भारतीय सिनेमा का सबसे चमकता सितारा। लेकिन आज आपको ले चलेंगे आइफा के दस साल के सफर के कुछ रोमांचक पल...वो पल जिसे न तो आइफा के आयोजक भुला पाए और न ही दस साल से आइफा की कोशिश से जुड़े वो लोग जो भारतीय सिनेमा को दुनिया के सबसे रुपहले पर्दे पर देखना चाहते हैं...तो आईए इस अनोखे सफर की शुरुआत उस साल से करते हैं जब आइफा का जन्म हुआ था...
हर बड़े काम की शुरुआत एक छोटी सी सोच के साथ होती है। काम बड़ा होता जाता है और सोच भी बड़ी होती जाती है। आइफा के साथ भी ऐसा ही हुआ था। सोच ये थी कि किसी भी तरह एक ऐसा मंच तैयार करना चाहिए जिससे भारतीय सिनेमा को एक अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल सके। सोच अच्छी थी। लेकिन मंच पर लाना उतना ही मुश्किल था। पर हौसला बुलंद था। लिहाजा हुआ वहीं जो हौसे ने चाहा। आईफा..यानी International Indian film academy award की शुरुआत साल 2000 में हो गई। Wizcraft International Entertainment pvt ltd ने इसके नेतृत्व का जिम्मा संभाला। ये तो आपको बताने की जरुरत भी नहीं है कि इस अवार्ड के ब्रांज अंबेसडर हैं सदी के महानयक अमिताभ बच्चन। खैर जब अवार्ड की शुरुआत हुई तो सबसे पहला सवाल ये था कि इसे देश बाहर किस जगह पर आयोजिक किया जाए। क्योंकि सवाल ये था कि पहला आयोजन अगर मशहूर जगह पर नहीं हुआ तो वो मकसद पूरा नहीं होगा जिसके लिए आइफा की शुरुआत की जा रही है। लेकिन जल्दी ही ये समस्या भी दूर हो गई। London का The millenium dome पहली नजर में ही आयोजकों को पसंद आ गया। फिर क्या था आइफा का पहला आयोजन लंदन में धूम धाम से शुरु हुआ। पहले समारोह की खास बात ये थी कि इसमें बॉलीवुड ही नहीं दुनिया के भी जाने माने सितारों ने हिस्सा लिया। कायली मिलॉग...Jackie chan...Angelina Jolie....ये कुछ ऐसी हस्तियां थी जो इस समारोह की खास शोभा थीं... लेकिन आइफा का पहला साल सही मायने में हम दिल दे चुके सनम और ताल के नाम रहा..इस साल ऐश्वर्या को बेस्ट एक्ट्रेस और संजय दत्त को बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला था। और उस साल की बेस्ट फिल्म थी..संजय लीला भंसाली की हम दिल दे चुके सनम...खैर, ये तो पुरस्कारों की बात थी। पहला साल था आइफा का लिहाजा परफॉर्मेंस के लिहाज से कोई कमी नहीं छोड़ी गई...रवीना टंडन का वो अंदाज आज भी लोगों को याद है.. फिर सोनाली बेंद्रे का जलवा...और महिमा चौधरी ने तो सबका दिल ही जीत लिया...
ये था आइफा के पहले साल का जलवा..वो कोशिश, एक कशिश पैदा कर के चली गई। और खुशी की बात ये है कि पहले साल में पैदा हुई कशिश आने वाले दिनों में भी जवान होती गई। अब देखिए आइफा के दूसरे आयोजन के वक्त अंतरराष्ट्रीय माहौल कितना बदल गया था।
साल 2000 में पहले आइफा समारोह की कामयाबी के बाद आयोजकों का उत्साह काफी बढ़ गया। बॉलीवुड के सितारे भी खुश थे..क्योंकि अंतरराष्ट्रीय सिनेमा इसके जरिए उनकी एक नई पहचान बनी। अब दिक्कत ये थी कि पहले समारोह की तरह दूसरे समारोह की भव्यता को बनाए रखा जाए। लिहाजा फिर एक बार बढ़िया से बढ़िया जगह की तलाश की गई। और इसी तलाश में जब आयोजक Sun city, South Africa पहुंचे तो सबने एक साथ कहा दिल कहे रुक जा रे रुक जा...यहीं पर कहीं..जो बात इस जगह है कहीं भी नहीं... कुछ इस तरह 2001 के आइफा पुरस्कार समारोह के लिए Sun city, south africa को चुन लिया गया। इस समारोह में पहली बार आइफा वर्ल्ड प्रिमियर हुआ जिसमें आमिर की बहुचर्चित फिल्म लगान दिखाई गई। इसके बाद लगान ऑस्कर की Best Foreign film category में भी नॉमिनेट हुई। इस समारोह की एक और खास बात ये रही कि इसे Host किया था तब की मिस वर्ल्ड प्रियंका चोपड़ा और कबीर बेदी ने। इस समारोह में सबसे चर्चित फिल्म थी कहो ना प्यार है। और इस फिल्म के हीरो ऋतिक रौशन ने तो अपने Performance से स्टेज पर समा ही बांध दिया था। 2001 के आइफा के नायक थे ऋतिक रौशन जिन्हें बेस्ट एक्टर के पुरस्कार से नवाजा गया। और फिल्म फिजा के लिए करिश्मा कपूर को बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड दिया गया। बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड लेने वाली करिश्मा कपूर ने स्टेज पर जो कमाल किया उसकी एक झलक हम आपको अभी दिखा देते हैं। आज इतने सालों बाद कहते हैं कि जब भी करिश्मा को उस परफॉर्मेंस की दिलाई जाती है तो बहुत भावुक हो जाती हैं। खैर इसके साथ ही एक खास बात थी उर्मिला मातोंडकर के साथ। करिश्मा की तरह अपने Performance से उर्मिला ने भी लोगों का दिल जीत लिया था। कई बार जल्द मिली कामयाबी बाद में बहुत दिक्कत पैदा करने लगती है। लेकिन आइफा के आयोजकों के साथ ऐसा नहीं हुआ। मकसद अपने अगले सफर पर चलता रहा।
आइफा के दो सालों की कामयाबी ने आयोजकों के उत्साह को और बढ़ाया। पिछले दो सालों की तरह इस बार जगह के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी। क्योंकि अब आइफा एक स्थापित नाम हो चुका था। हालांकि इस बार आयोजक कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते थे। साल 2002 के आइफा समारोह के लिए मलेशिया के नाम को चुना गया। अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर मलेशिया में जो भी गया वो उसका कायल हो कर रह गया। फिल्म कांटे का म्यूजिक रीलिज...फिल्म आंखें का वर्ल्ड प्रीमियर....और फिल्मी सितारों के साथ एक ऐसी शाम जिसे आजतक समारोह में शामिल कोई भी शख्स भूला न सका। आइफा का ये साल पिछले सालों से कहीं कम रंगीन नहीं था.. आप सोच सकते हैं कि आइफा के आयोजक कितने उत्साह में थे कि इस साल उन्होमो आइफा का एक औऱ कदम आगे बढ़ा दिया। साल 2002 में आइफा फोरम की शुरुआत कर दी गई। थीम पर आधारित कार्यक्रमों की एक नई शुरुआत। थीम थी टैलेंट और टेक्नोलॉजी का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अदला बदली। आइफा के इस तीसरे समारोह की Host थी लारा दत्ता.. इस साल आमिर खान को उनकी लगान फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर का अवार्ड दिया गया। और तब्बो तीसरे आइफा अवार्ड की बेस्ट एक्ट्रेस करार दी गई। इतना ही नहीं..बिपाशा बसु..लगान की हिरोइन ग्रेसी सिंह..और अर्जुन रामपाल को face of the year का अवार्ड दिया गया। ये सारी बातें खास तो थीं ही। लेकिन सबसे चर्चा में रहा सुष्मिता सेन का Performance... और रही सही कसर अपने Performance के जरिए ईशा कोपीकर संजय दत्त और राइमा सेन ने पूरा कर दिया...
 
भारतीय सिनेमा का ये पहले से दस्तूर रहा है कि जो प्रयोग एक बार सफल हुआ वो बार बार दोहराया जाता है। लेकिन आइफा के मंच पर ऐसा कभी नजर नहीं आया..इसमें हर आयोजन में कुछ नया करने की ललक थी..यही वो खास बात थी जो साल दर साल आइफा को एक नई पहचान देती चली गई... पहचान अच्छी तरह स्थापित हो चुकी थी। और चौथे साल आइफा फिर पहुंचा दक्षिण अफ्रीका। लेकिन इस बार दक्षिण अफ्रीका की जगह बदल गई थी। अब आइफा का जलवा जोहान्सवर्ग में बिखरने जा रहा था। हालांकि हमेशा की तरह इस साल भी आइफो को कुछ नया करना था। लिहाजा IIFA Foundation Charity Cricket Match का आयोजन किया गया। इस साल इस अवार्ड के Host थे अनिल कपूर और दीया मिर्जा। लेकिन इस अवार्ड की सबसे खास बात थी लीला भंसाली की फिल्म देवदास...जो करीब करीब आइफा के सारे अवार्ड लेने में कामयाब रही। बेस्ट एक्टर, बेस्ट एक्ट्रेस से लेकर बेस्ट डायरेक्टर तक। जाहिर है ऐसा बहुत कम ही होता है जब एक फिल्म इतने सारे अवार्ड लेकर जाती है। खैर, ऐसा भी बहुत कम ही होता है जब बहुत सारे स्टार एक साथ एक मंच पर शिरकत करते हैं। इस समारोह में सैफ, रानी, शिल्पा, अक्षय कुमार, सलमान खान ने तो अपने Performance से कमाल ही कर दिया... खैर, आइफा का ये चौथा साल भी जबर्दश्त ढंग से गुजरा...अब पांचवे साल यानी 2004 का आइफा एक बार फिर मलेशिया में आयोजित किया गया। ये अपने आप में अनोखा समारोह था..क्योंकि इसमें 450 से भी ज्यादा सेलीब्रिटी ने हिस्सा लिया। आइफा के पांचवे समारोह में करन जौहर की फिल्म कल हो न हो और राकेश रौशन की कोई मिल गया का बोल बाला रहा। रीतिक बेस्ट एक्टर...प्रीति बेस्ट एक्ट्रेस और परफॉर्मेंस में तो प्रीति जिंटा से लेकर शाहरुख खान ने कमाल ही कर दिया..... लेकिन ये तो सिर्फ पांच सालों की कहानी..अगले सालों में आइफा ने क्या किया। आगे भी आपको बताते हैं.....


साल 2004 में आइफा का पांचवां समारोह मलेशिया में आयोजित किया गया था। ये वो साल था जब आइफा हर लिहाज से एक अंतरराष्ट्रीय मंच बन चुका था। पिछले साल की तरह इस साल भी चैरिटी मैचों का सिलसिला जारी रहा। पिछले साल क्रिकेट का चैरिटी मैच खेला गया था..लेकिन इस साल इसकी जगह फुटबॉल मैच ने ले ली। और इस समारोह में करीब 450 सेलीब्रिटी ने हिस्सा लिया। खैर, आइफा के पांचवे समारोह में करन जौहर की फिल्म कल हो न हो और राकेश रौशन की फिल्म कोई मिल गया का बोल बाला रहा। जाहिर है ऋतिक को बेस्ट एक्टर...और प्रीति को बेस्ट एक्ट्रेस के पुरस्कार से नवाजा गया। रही बात इस साल के परफॉर्मेंस की तो प्रीति जिंटा से लेकर शाहरुख खान ने कमाल ही कर दिया..
आइफा का सफर बढ़ता रहा। जिस तरह पांच साल धमाकेदार अंदाज में गुजरा कुछ ऐसे ही छठा साल भी आइफा धूम मचाने की तैयारी में था। आइफा 2005 का ये साल था। इस बार आयोजन एम्सटरडम में किया गया। इस बार भी ओलंपिक स्टेडियम में मैच का आयोजन हुआ। क्रिकेट की दो टीमें बनाईं गईं। एक कप्तान थे शाहरुख खान और दूसरी टीम के कप्तान थे ऋतिक रौशन..ऋतिक की टीम जीत गई औऱ बादशाह खान हार गए। लेकिन समारोह का Host करते हुए शाहरुख ने सारी कसर पूरी कर ली। इस समारोह का होस्ट शाहरुख..फरदीन और करन जौहर ने किया था। अभिषेक बच्चन के लिए ये पहला साल था जब उन्होंने कोई International performance किया। उनके इस परफॉरमेंस में ऐश्वर्या और अमिताभ बच्चन ने भी साथ दिया। वैसे तो पूरे समारोह में फिल्म परीणिता का प्रीमियर भी चर्चा में रहा। लेकिन वीर जरा और हम तुम की झोली में कई पुरस्कार गए। शाहरुख को वीर जारा के लिए प्रीति को हम तुम के लिए परुस्कृत किया गया। इसी समारोह में आयशा ताकिया को बेस्ट डेब्यू अवार्ड भी दिया गया। और इस साल करीना, अनिल कपूर, अरशद वारशी ने तो कमाल ही कर दिया... यानी आइफा का छठा साल भी शानदार रहा।
अब बारी थी सातवें साल की। यानी आइफा 2006 की। इस साल आइफा पहुंचा दुबई। और यहां खास बात ये रही कि भारत, पाकिस्ता, मलेशिया और बांग्लादेश के करीब दस हजार प्रतिनिधियों ने इसमें हिस्सा लिया...इस साल जगमोहन मुद्रा की प्रोवोक्ड का प्रीमियर आइफा में हुआ। औऱ सबसे बड़ी बात ये रही कि इसी साल से आइफा में IIFA Foundation Fashion Extravegenza की शुरुआत की गई। इस समारोह में भी एक बार फिर संजय लीला भंसाली सबकी नजरों में समाए रहे। क्योंकि उनकी फिल्म ब्लैक ने सबको अपनी ओर खींच रखा था....
2006 के IIFA का सफर बड़े ही शानदार तरीके से चलता रहा.. दुबई के IIFA में धूम तब मच गई जब अमिताभ बच्चन को ब्लैक के लिए बेस्ट ऐक्टर और रानी मुखर्जी को बेस्ट ऐकट्रेस के खिताब से नवाजा गया। एक ऐसा लम्हा जिसे अमिताभ शायद ही कभी भूल पाए..और एक ऐसी फिल्म जिसे आप भी शायद कभी भूल पाएं.. इंडियन फिल्म एकेडमी एक ऐसी एकेडमी बन चुकी थी जिसने इंटरनेश्नल प्लैटफॉर्म पर अपना एक अलग मकाम हासिल कर लिया था.. दिन पर दिन IFFA की धूम बढ़ती ही जा रही थी...और इस साल स्टेज पर दिखे कई सितारे...जिसमें सबसे ज्यादा धूम मचाई अक्षय कुमार और कटरीना कैफ ने..जिनके हर अंदाज और हर ठुमकों पर लाखों कुर्बान हो गए..और इसी के साथ IFFA का दुबई का सफर खत्म हुआ
और साल 2007 में IIFA पहुंच गया यॉर्कशॉयर..य़ॉर्कशायर की जमीन पर सितारे कदम रख चुके थे..और फिर यहीं से शुरू हुआ वो सफरनामा जो 3 दिनों तक चला.. यॉर्कशायर का IIFA रहा श्री केश मुखर्जी के नाम..और पूरे आइफा में छाए रहे आमिर खान और संजय दत्त..उनकी रंग दे बसंती और मुन्ना भाई फिल्म ने खूब दमाल मचाया। इसी IIFA में ऋतिक को कृष के लिए बेस्ट ऐक्टर और रानी मुख्रजी को कभी अलविदा न कहना के लिए बेस्ट ऐक्ट्रेस का ताज पहनाया गया..इतना लंबा IIFA का सफर चलता ही जा रहा था..एक ऐसा सफर जिसपर चलने से किसी को कोई ऐतराज नहीं..इस साल भी बॉलीवुड के सितारों के बीच खैल गया एक चैरेटी क्रिकेट मैच...यॉर्कशॉयर का वो स्टेज जहां कई सितारे थिरकते हुए नजर आए...जिसमें से इमरान हाशमी, आफ्ताब, रिया सेन के अलावा अक्षय कुमार का वो जलवा दिखा जो उनके फैन्स को आजतक याद रहा..
आईफा का 2008 का पड़ाव था थायलैंड..पूरे 9 साल का सफर अब तय होने जा रहा था।.. इन नौ सालों में आइफा बन चुका था दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी फिल्म ऐकेडमी। इसके अलावा Iifa सबसे ज्यादा दर्शकों को अपनी तरफ आकर्षित करने में कामयाब हुआ..क्योंकि आइफा के नौंवे समारोह के बारे में माना जाता है कि 60 करोड़ लोगों ने देखा। 2008 के Iifa अवॉर्ड में बच्चन परिवार की धूम रही..और इस समारोह में प्रीमियर भी हुआ तो राम गोपाल वर्मा की फिल्म सरकार राज का। इस साल का Iifa सिर्फ फिल्मों, और परफॉर्मेंस तक ही सीमित नहीं रहा..यहां शुरू हुआ फैशन का दौर और पेश किए गए कई भारतीय और थाइलैंड के डिजाईनर्स के डिजाइन्स.. जिनको सजाया गया बॉलीवुड के सितारों के बदन पर..IIFA का स्टेटस काफी उपर पहुंच चुका था..वहां जहां से नीचे देख पाना था काफी मुश्किल..इस साल की ऐंकरिंग की भूमन इरानी और रितेश देशमुश ने थाईलैंड में चर्चा में रहीं .Love story 2050 और अक्षय की सिंह इज किंग.. लेकिन अवॉर्ड गया चक दे इंडिया को..शाहरुख खान को बेस्ट एक्टर.. और करीना कपूर को जब वी मेट के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला। करीना ने स्टेज पर भी साबित किया कि उनके जैसा कोई नहीं...पर बादशाह खान यहां भी बादशाह थे...और शिल्पा शेट्टी यहां भी बिग बॉस पर जब ऋतिक स्टेज पर आए तो समां ही बदल गया...आगे का रंग भरने के लिए तो गोबिंदा तैयार थे ही...3 दिन का सफर कब खत्म हुआ पता ही नहीं चला.. IIFA का सफर चलता रहा और फिर एक साल बाद आ गया है वो लम्हा जिसमें आइफा चुन रहा एक दशक का सबसे बड़ा स्टार...एक दशक की सबसे बड़ी अभिनेत्री और एख दशक का सबसे बड़ा निर्देशक....
और आज आइफा में सितारों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। आज अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या राय, जावेद अख्तर, आशुतोष गोवारिकर समेत कई हस्तियां मकाऊ के लिए रवाना हुई। ये सभी हांगकांग होकर मकाऊ के लिए रवाना हुए। आइफा समारोह कल से चीन के मकाऊ में शुरू हो रहा है, और शनिवार तक चलेगा। हम आपको यहां ये भी बता दें कि आइफा के इस दसवें समारोह की खास बात ये है कि इस बार..एक दशक के सबसे बेहतरीन अभिनेता, अभिनेत्री और निर्देशक को भी अवॉर्ड दिया जाएगा।

1 comment:

पंकज said...

सुंदर आलेख. लगातार लिखा कीजिये.

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