July 18, 2009
कौमार्य परीक्षण या बेइज्जती
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में लड़कियों के कौमार्य परीक्षण पर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। दो आदिवासी लड़कियों ने शहडोल जिले के पूर्व कलेक्टर समेत तीन अफसरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। सरोज और आरती नाम की इन गरीब लड़कियों की अर्जी चौंकाने वाली है। लड़कियों ने आरोप लगाया है कि जबरन उनका कौमार्य परीक्षण किया गया।
सरोज और आरती उन 150 गरीब लड़कियों में शामिल हैं जिनका साढ़े छह हज़ार रूपये के सरकारी दहेज की खातिर मेडिकल टेस्ट किया गया। आरोप है कि टेस्ट के नाम पर उनके साथ शर्मनाक सुलूक किया गया। एससी/एसटी थाने में सरोज ने शिकायत की है कि मेडिकल टेस्ट को मना करने पर CEO संतोष पटेल ने कहा कि बैगा आदिवासी लड़कियों का क्या भरोसा कि वो कुंवारी हैं या गर्भवती।
फिर महिला चिकित्सक ने उसका मेडिकल चेकअप किया। इससे वो खुद को अपमानित महसूस कर रही है। सरोज की पूरी शिकायत को सहां लिखा नहीं जा सकता। लेकिन उसका एक एक लफ्ज सरकारी अफसरों की बेशर्मी बयान कर रहा था। दूसरी लड़की आरती ने भी बताया कि कैसे शिवराज के राज में लड़कियों के साथ बुरा बर्ताब किया गया। उसका कहना था कि उसके पेट पर हाथ रखकर लेडी डॉक्टर ने चैक किया। उसे ऐसा करना अच्छा नहीं लगा। मुख्यमंत्री बहू बेटी मानते हैं औऱ ऐसा काम करवाते हैं।
सोहागपुर में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत घर बसाने आईं 150 लड़कियों में से 138 को शादी के सरकारी मंडप में तब बैठने की इजाजत मिली जब ये तय हो गया कि वो गर्भवती नहीं हैं। बारह लड़कियां मंडप में नहीं बैठ पाईं क्योंकि वो गर्भवती थीं।
शिकायत के बाबजूद पुलिस ने अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया है। वो सिर्फ जांच का राग अलाप रही है। उनका कहना है कि पूर्व कलेक्टर, जनपद पंचायत के सीईओ औऱ समाज कल्याण कल्याण के खिलाफ़ शिकायत आई है वो जांच कर रहे हैं फिर कार्रवाई करेंगे।
हद तो तब हो गई जब हंगामा मचते ही मध्यप्रदेश महिला आयोग ने तुंरत शिवराज सरकार को क्लीन चिट दे दी। अब राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम शहडोल में लड़कियों के बयान दर्ज कर रही है। और लड़कियां शिकायत की अर्जी लिए शिवराज के अफसरों की तरफ ताक रही हैं कि शायद उन्हे इंसाफ मिल सके। हिन्दुस्तान की संस्कृति औऱ अस्मिता की दुहाई देने वाली बीजेपी। वो हिन्दुस्तान जिसमें औरत को देवी का दर्जा मिलता है। लेकिन शिवराज के राज में अफ़सरों ने दुनिया को दिखा दिया है कि वो औऱत का कितना सम्मान करते हैं।
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