आखिर ओबामा को क्यों मिला नोबेल? ये सवाल उसी समय से उठा जब मैंने चैनल पर ये खबर फ्लैश की। फ्लैश करने पर ही उठा...क्योंकि उसके पहले मैं मेल पढ़कर उसको छापने में व्यस्त था। लेकिन जब थोड़ी देर बाद जब होश संभाला तो लगा कि मैंने ये क्या छापा है... आखिर मैंने चैनल पर क्या देख रहा हूं।
ओबामा को शांति का नोबेल पुरस्कार उनके उन कोशिशों के लिए मिला जिससे उन्होंने विश्व में अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति को मजबूत करने के लिए की। हालांकि उनकी ये कोशिशें कभी भी पूरी होती नहीं दिखी। मुझे एक बात ये समझ में नहीं आ रही कि कोशिशों के लिए कब से नोबेल मिलने लगा जब उसका कोई रिजल्ट सामने ना हो.... या यूं कहें कि उसका रिजल्ट हमेशा उलटा ही पड़ा... चाहे ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर कार्रवाई की बात हो या फिर उत्तर कोरिया की... या फिर इराक से सेना हटाने की बात हो या अफगानिस्तान में जारी मानवाधिकार के हनन के मामले। हां एक बात तो उन्होंने जरूर पूरी कि ग्वांटोनामा जेल को बंद कर उन्होंने जरूर अपने कुछ अश्वेत वोटबैंक को खुश कर दिया होगा।
ओबामा के कार्यकाल में अगर देखा जाए तो अमेरिकी नीति में कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिला। अमेरिका आज भी पाकिस्तान को उसी तरह मदद दे रहा जैसा कि पहले दिया करता था। अभी हाल में दी गई कई हजार करोड़ की मदद इसका सबूत है। ये मदद उस समय दी जा रही है जब सीमा पर पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने भारतीय जमीन पर घुस्पैठ के लिए कमर कसी हुई है। आतंकवाद के पोषक ये दो अपनी नापाक करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
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October 09, 2009
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