हर दुख से अपना सुख अब छोटा लगता है
कुछ आंसू मेरे आंचल पर गिरे
जो जेठ में भी ना सूखे
सावन और भादो बन गए नैन उनके
दुख अब भी सुख से बड़ा लगता है।
कुछ आंसू मेरे आंचल पर गिरे
जो जेठ में भी ना सूखे
सावन और भादो बन गए नैन उनके
दुख अब भी सुख से बड़ा लगता है।
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